इतिहास में पहली बार, खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा मिल्की वे से बाहर मौजूद Betelgeuse तारे से भी 3 गुना बड़े एक तारे की विस्तृत छवि (detailed image) हासिल करने में सफलता हासिल की है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि WOH G64 नाम के एक विशाल लाल महादानव तारे के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो दक्षिणी तारामंडल Dorado में लगभग 1,60,000 प्रकाश वर्ष से भी ज्यादा दूर बड़े मैगेलनिक बादल (Large Magellanic Cloud) में मौजूद है।
यह बौनी आकाशगंगा हमारी मिल्की वे के चारों ओर परिक्रमा करती है। यह मिल्की वे की उपग्रह आकाशगंगा (satellite Galaxy) है। यह खोज न केवल तारकीय विकास (stellar evolution) को समझने में हमारी मदद करने वाली है, बल्कि खगोलशास्त्र में अनुसंधान (astronomical research) के नए दरवाजे भी खोलने वाली है। क्या रही यह पूरी अपडेट और कैसे वैज्ञानिक इस भीमकाय तारे की इतनी डीटेल्ड इमेज को हासिल कर पाने में सक्षम हो पाए? आईए जानते हैं आज के इस ब्लॉग पोस्ट में।
WOH G64 की खोज
1970 के दशक में खोजा गया WOH G64 अपनी विशालता और चमक के कारण लंबे समय से खगोलविदों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। इसे एक लाल महादानव तारे के रूप में वर्गीकृत (classified) किया गया है, जिसकी त्रिज्या (radius) हमारे सूर्य से लगभग 1,700 से 2,000 गुना तक ज्यादा है। यह ब्रह्मांड में खोजे गए कुछ सबसे विशालकाय तारों में सबसे ऊपर आता है।
WOH G64 तारा न सिर्फ ब्रह्मांड में खोजे गए सबसे बड़े तारों में से एक है बल्कि ये हमारे सूर्य से 282,000 हजार गुना ज्यादा चमकदार भी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब यह तारा जन्मा होगा तब इसका द्रव्यमान हमारे सूर्य से 25 गुना तक ज्यादा रहा होगा, लेकिन क्योंकि यह एक लाल महादानव तारा (red supergiant) है जिसका मतलब है कि यह अपने आखिरी दिन रहा है और बहुत मात्रा में अपना द्रव्यमान भी खो रहा है जिसके चलते आज इसका द्रव्यमान 3 से 9 गुना के बीच आ चुका है।
इस अद्वितीय (extraordinary) आकार के कारण इसे “द बीहमथ” और “द मॉन्स्टर” जैसे उपनाम (nicknames) मिले हुए हैं। WOH G64 जैसे लाल महादानव (Red supergiants) तारे विशाल तारों के जीवन चक्र के अंतिम चरण (final stages) का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें ये अपनी मौत के करीब आते हुए तेज बदलाव और अस्थिरता का सामना करते हैं।
हालांकि खगोलविदों को WOH G64 के बारे में कईं दशकों से जानकारी थी, लेकिन इसकी तस्वीर लेना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। हमारी मिल्की वे के अन्दर कई तारों की विस्तृत तस्वीरें (detailed images) ली गई हैं, लेकिन दूसरी आकाशगंगाओं में मौजूद तारों की तस्वीरें लेना उनकी बेहद ज्यादा दूरी और कम चमक के कारण बहुत मुश्किल रहा है। ऐसे में WOH G64 की सफलतापूर्वक तस्वीर लेना खगोल भौतिकी में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
इमेजिंग की प्रक्रिया
इस क्रांतिकारी छवि (groundbreaking image) को चिली के अटाकामा रेगिस्तान में स्थित यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला (European Southern Observatory) के Very Large Telescope Interferometer, VLTI का इस्तेमाल करके हासिल किया गया। यह उन्नत उपकरण (advanced instrument) चार दूरबीनों से प्रकाश को जोड़कर बेमिसाल संवेदनशीलता और रिज़ॉल्यूशन हासिल करता है, जिससे खगोलविद उन धुंधले और दूर मौजूद वस्तुओं को भी आसानी से देख पाते हैं, जिन्हें इतनी डिटेल के साथ पहले देख पाना असंभव था।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सफर 2005 और 2007 में किए गए पहले के अवलोकनों (observations) से शुरू हुआ, जिन्होंने WOH G64 की विशेषताओं के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान की। हालांकि, GRAVITY नामक एक दूसरे-पीढ़ी के उपकरण (second-generation tool) के विकास के बाद ही खगोलविद इस बेहद दूर मौजूद तारे की क्लोज़-अप छवि (images) लेने में सक्षम हो सके।
चिली में, यूनिवर्सिडाड आंद्रेस बेलो (Universidad Andrés Bello) के खगोल भौतिक विज्ञानी और इन अवलोकनों (observations) पर आधारित अध्ययन के प्रमुख लेखक (lead author) केइची ओनाका (Keiichi Ohnaka) ने इन निष्कर्षों पर अपनी उत्सुकता दिखाते हुए कहा: “हमने पहली बार हमारी अपनी मिल्की वे से परे एक मरते हुए तारे की क्लोज़-अप छवि (image) हासिल की है।
यह छवि WOH G64 के चारों ओर एक अंडे के आकार के आवरण को दिखाती है, जो यह संकेत देता है कि तारा अपनी मौत के करीब आते हुए बड़ी मात्रा में सामग्री (material) को बाहर निकाल रहा है।
तस्वीर से प्राप्त हुए प्रमुख निष्कर्ष
इन नए अवलोकनों (observations) ने WOH G64 की वर्तमान स्थिति के बारे में जरुरी जानकारियां प्रदान की हैं। यह तारा अपने जीवन चक्र के बहुत ही आखरी चरण में है और नाटकीय बदलाव झेल रहा है। पिछले एक दशक में शोधकर्ताओं ने देखा है कि WOH G64 की चमक कम हो गई है, जिसका कारण गैस और धूल का उत्सर्जन हो सकता है। यह द्रव्यमान हानि (mass loss) लाल महादानव तारों के लिए काफी सामान्य है क्योंकि ये तारे अपनी बाहरी परतों को विस्फोटक सुपरनोवा होने से पहले बहुत हद तक खो देते हैं।
WOH G64 के चारों ओर का यह अंडाकार आवरण (egg-shaped cocoon) वैज्ञानिकों के लिए विशेष रूप से आश्चर्यजनक था। पहले के अवलोकनों (observations) के आधार पर बनाए गए मॉडल (models) ने इस तारे के एक अलग आकार की भविष्यवाणी की थी। इस अप्रत्याशित संरचना ने उन प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो इस तारकीय विकास (stellar evolution) चरण के दौरान सक्रिय हो सकती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तारे यह आकार सामग्री के उत्सर्जन के तरीके या संभवतः एक ना दिखाई देने वाले साथी तारे के कारण भी हो सकता है, जो इन प्रवाहों (outflows) को प्रभावित कर रहा हो।
मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी (Max Planck Institute for Radio Astronomy) के खगोलशास्त्र के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक गर्ड वाइगेल्ट (Gerd Weigelt) ने इन निष्कर्षों के महत्व पर जोर देते हुए कहा है: “हमने पाया कि पिछले दस वर्षों में तारे में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जिससे हमें किसी तारे के जीवन को वास्तविक समय में देखने का दुर्लभ अवसर मिला है।”
ब्रह्मांड में शीर्ष 5 सबसे बड़े ज्ञात तारों की सूची
Star Name | Mass (Solar Masses) | Radius (Solar Radii) |
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Stephenson 2-18 | ~12–16 | ~2,150 |
WOH G64 | ~3-9 | ~1,788 – 2,000 |
UY Scuti | ~10 | ~1,700 |
RSGC1-F01 | ~35-40 | ~1,450-1,530 |
VY Canis Majoris | ~17±8 | ~1,420 |
लाल महादानव तारों का जीवन चक्र
यह समझने के लिए कि WOH G64 इतना जरुरी क्यों है, इसके लिए यह समझना जरुरी है कि लाल महादानव तारे (red supergiant) क्या होते हैं। well ये तारे ब्रह्मांड में ज्ञात सबसे बड़े तारों में से हैं और आमतौर पर इनका द्रव्यमान हमारे सूर्य से 8 से 40 गुना ज्यादा होता है। जैसे ही ये तारे अपने हाइड्रोजन ईंधन को अपनी कोर में ख़त्म कर लेते हैं, वे अपने कोर में हीलियम और भारी तत्वों को जलाकर लाल महादानव चरण (red supergiant phase) में प्रवेश कर जाते हैं।
इन तरह के लाल महादानव तारों (red supergiants) की सतह का तापमान अपेक्षाकृत (relatively) कम (लगभग 3,500 से 4,500 केल्विन) के आस पास होता है, जो इन्हें इनका विशेष लाल रंग देता है। अपनी विशालता के बावजूद, इन तारों की जीवन अवधि छोटे तारों की तुलना में अपेक्षाकृत कम होती है। ये तारे बहुत ही अस्थिर भी होते हैं। एक लाल महादानव (red supergiant) तारा सिर्फ कुछ मिलियन वर्षों तक ही जीवित रह सकता है, इसके बाद यह एक सुपरनोवा विस्फोट में बदल जाता है।
WOH G64 इस प्रक्रिया का सटीक उदाहरण है क्योंकि यह अपने आखरी चरण में प्रवेश कर चुका है। इसके चारों ओर देखी गई द्रव्यमान हानि उन लाल महादानव (red supergiants) तारों के लिए सामान्य है, जो अपनी मौत के करीब होते हैं।
खगोलशास्त्र के लिए प्रभाव
WOH G64 तारे की सफल इमेजिंग न केवल इस विशेष तारे के बारे में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करती है, बल्कि आकाशगंगाओं में तारकीय विकास (stellar evolution) की हमारी समझ के लिए व्यापक (broader) प्रभाव डालती है। इस तरह के अवलोकन (Observations) खगोलविदों को इन तारों के जीवन चक्र के अलग-अलग चरणों का अध्ययन करने और सुपरनोवा विस्फोट जैसी घटनाओं को समझने में मदद करते हैं।
यह खोज आधुनिक खगोलीय तकनीक (modern astronomical technology) की क्षमताओं पर भी जोर देती है। GRAVITY और VLTI जैसे उपकरणों की मदद से वैज्ञानिक दूर मौजूद खगोलीय पिंडों का बेमिसाल विवरण (details) के साथ अन्वेषण (explore) कर सकते हैं, जो आकाशगंगा के पार नए रहस्यों को उजागर करने का रास्ता मजबूत बनता है।
निष्कर्ष
WOH G64 की पहली क्लोज़-अप छवि (image) को कैप्चर करना खगोलशास्त्र (astronomy) में एक मील का पत्थर है। यह न केवल इस तारे की हमारी समझ को गहरा करता है, बल्कि ब्रह्माण्ड में दूर मौजूद वस्तुओं के लिए नई संभावनाओं के रास्ते भी खोलता है।
WOH G64 से जुड़ी खोजें हमें याद दिलाती हैं कि ब्रह्मांड के बारे में हमें अभी भी कितना कुछ सीखना बाकी है। तारों से जुड़ी हमारे द्वारा की गयी हर नई खोज तारकीय विकास (stellar evolution) की जटिल प्रक्रियाओं के बारे में हमारी सराहना को गहरा करती है और ब्रह्मांड को आकार देने वाले घटनाक्रमों को बेहतर ढंग से समझने में हमारी मदद भी करती है।
खैर इस तारे जैसा ही हमारा अपना सौरमंडल भी कोई कम रहस्यमय नही है। अभी हाल ही वैज्ञानिकों ने पाया की हमारे सौरमंडल के ice giants ग्रहों में से एक Uranus पिछले कुछ दशकों से लगातार ठंडा होता जा रहा है। इसके बारे में हमने एक पोस्ट में गहराई से बात की हुई है, इसके बारे में ज्यादा जानिकारी के लिए आप वह पोस्ट जरुर पढ़ें। धन्यवाद।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
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2025 में सबसे बड़ा तारा कौन सा है?
Stephenson 2-18, जिसे St2-18 भी कहा जाता है, एक लाल सुपरजाइंट तारा है जो नक्षत्र स्कूटम में स्थित है, लगभग 18,900 प्रकाश वर्ष पृथ्वी से दूर। इसका व्यास लगभग 2,150 गुना सूर्य के व्यास के बराबर है,
जिससे यह अब तक ज्ञात सबसे बड़े तारों में से सबसे बड़ा बन जाता है। इसकी चमक का अनुमान 90,000 से 630,000 सौर चमक के बीच है, जो इसे मिल्की वे के सबसे चमकीले तारों में से एक बनाता है। इसका स्पेक्ट्रल प्रकार M6 है, जो लगभग 3,200 K के साथ इसके ठंडे तापमान को दर्शाता है।
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UY Scuti हमारी आकाशगंगा में है?
हाँ, UY Scuti हमारे गैलेक्सी, मिल्की वे में स्थित है। यह विशेष रूप से नक्षत्र स्कूटम में है, जो पृथ्वी से लगभग 5,900 प्रकाश वर्ष दूर है। एक लाल सुपरजाइंट तारे के रूप में, UY Scuti ज्ञात सबसे बड़े तारों में से एक है, जिसका व्यास लगभग 1,700 गुना सूर्य के व्यास के बराबर है।
अपनी विशालता और चमक के बावजूद, यह आंखों के सामने नहीं दिखाई देता क्योंकि यह दूरी और मिल्की वे के घने तारा क्षेत्रों में स्थित है।
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आसमान का सबसे चमकदार तारा कौन सा है?
रात के आसमान में सबसे चमकीला तारा सिरियस है, जिसे कुत्ते के तारे (Dog Star) के नाम से भी जाना जाता है, और यह नक्षत्र कैनिस मेजर में स्थित है। इसका प्रकट मान -1.46 है, जो इसे पृथ्वी से देखे जाने वाले सभी अन्य तारों से अधिक चमकीला बनाता है।
सिरियस लगभग 8.6 प्रकाश वर्ष दूर है और यह एक द्वैतीय तारा प्रणाली है, जिसमें इसका साथी एक फीका सफेद बौना तारा है, जिसे सिरियस बी कहा जाता है। इसका नीला-श्वेत रंग और चमक इसे सर्दियों के आसमान में एक प्रमुख विशेषता बनाते हैं, और यह विभिन्न संस्कृतियों में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है।
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